Dr BR Ambedkar Jayanti
अंबेडकर जयंती भारत में मनाई जाती है, जिसमें डॉ। बीआर अंबेडकर के जन्म दिवस को याद करने के लिए मनाया जाता है। वह भारतीय संविधान के पिता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने समाज सुधारक, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में अपने आप को समर्पित किया था, जिन्होंने समाज के मार्जिनालाइज्ड वर्ग, विशेष रूप से दलितों या “अन्टचेबल्स” के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया था।
अंबेडकर जयंती, भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें लोग अंबेडकर जी की जयंती को बहुत उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन, लोग अंबेडकर जी की शिक्षा और उनकी जीवनी के बारे में जानकारी प्राप्त करके उनकी प्रेरणा से प्रेरित होते हैं। उनके जीवन और कार्यों में से कुछ महत्वपूर्ण दृष्टिकोण, समाज सुधार, व्यक्तिगत आज़ादी, विधिक आज़ादी और सम्भावना की मांग, हमारे समाज के लोगों के बीच विवेक उत्पन्न करते हैं। उन्होंने दलित समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक संघर्ष को बढ़ावा दिया। उन्होंने भारतीय संविधान के लिए लड़ाई लड़ी और संविधान में अपने समाज के लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अपने अंतिम समाधि तक लड़ाई लड़ी।
इस जयंती के अवसर पर हमें अंबेडकर जी के जीवन को समझने की आवश्यकता है। उनका संघर्ष दलितों के अधिकारों के लिए था, लेकिन वह आम लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है। उनके विचार और कार्य आज भी हमें समाज में समानता और न्याय की मांग को समझने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए, अंबेडकर जयंती हमें उनके जीवन और उनके संघर्ष से सीखने का अवसर प्रदान करती है।
Dr. Bheem Rao Ambedkar Ji Ka Jeevan Parichay
डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब के रूप में भी जाना जाता है, 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महु गांव में एक दलित परिवार में जन्मे थे। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल एक स्कूल प्रधान थे, जो भीमराव को एक अच्छी शिक्षा प्रदान करना चाहते थे। भीमराव का बचपन उनकी समाज की अत्याचारों और उनके लिए न्याय के अभाव के साथ बीता। उनकी नानी महारी भीमबाई उनके बचपन में उन्हें प्रभावित करती रही, जिससे उन्हें व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित हुआ।
भीमराव ने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए कई संघर्षों से गुजरा। उन्होंने पैदा होते ही अपने जीवन में अधिकतम उच्च शिक्षा के लिए लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक उपाधि और कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने वर्ष 1919 में ब्रिटिश सरकार की तरफ से बनाए गए रैंकिंग और सेलेक्टिव स्क्रीनिंग का विरोध किया था। उन्होंने उन नियमों के खिलाफ एक रिपोर्ट लिखी जिसके बाद वे ब्रिटिश सरकार के रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बने।
बाबासाहेब ने उन वर्षों में दलितों के लिए कई संगठन भी बनाए जैसे बहिष्कार मुक्ति अभियान, शुद्धिकरण अभियान, और सामाजिक न्याय के लिए दलित समाज समाज बहुजन समाज जैसे संगठनों की स्थापना की। उन्होंने उन सभी दलितों के लिए एक उदार विचार दिया जो सभी मनुष्यों के विकास और समृद्धि के लिए समान अवसर प्रदान करता है।
भारत के संविधान निर्माता के रूप में, उन्होंने भारत के संविधान की रचना में अहम भूमिका निभाई। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और उसमें संविधान निर्माताओं की समानता, संवेदनशीलता, और जबरदस्ती के विरोध के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के लिए समान अधिकार और न्याय दिया गया है। उन्होंने संविधान में दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई विशेष उपदेश शामिल किए, जो दलितों के सामाजिक और आर्थिक विकास में मददगार साबित हुए। उन्होंने संविधान में विविधता के समर्थन के लिए भी उच्च आवाज बुलंद किया था।
1947 में भारत की आजादी के बाद, बाबासाहेब भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति बने। उन्होंने उस समय भारत की दलित समुदाय के लिए भी काम किया। उन्होंने दलितों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई नीतियों का विकास किया। उन्होंने उन सभी विभागों को बढ़ावा दिया जो दलितों के लिए विकास के माध्यम के रूप में काम कर रहे थे।
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर 6 दिसंबर 1956 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी मृत्यु के बाद, उनके संदेशों ने एक मजबूत आंदोलन को उत्पन्न किया जो अब भी दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहा है।
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर एक महान समाज सुधारक और नायक थे जिन्होंने अनेकों लोगों के जीवनों में सकारात्मक परिवर्तन लाए। उनका योगदान भारतीय इतिहास के लिए अनमोल है। आज भी उनकी सोच और विचारधारा दुनिया भर के लोगों को प्रभावित कर रही है।
उनकी जीवनी दिखाती है कि एक व्यक्ति जो स्वयं अस्वीकार किए गए हक़ों और न्याय के लिए लड़ सकता है और समाज में बदलाव ला सकता है। उनकी विरोधी समुदायों से लड़ाई ने दलितों के संरक्षण के लिए बाबासाहेब आंबेडकर को एक महान संघर्षक बना दिया।
उनके संघर्षों और योगदानों के कारण भारत में आज दलितों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता का अधिक सम्मान दिया जाता है। उनके संविधान में शामिल किए गए अधिकारों के लिए दलितों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है।
बाबासाहेब आंबेडकर का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। उनके द्वारा दिए गए संदेश और उनकी सोच से लोग आज भी प्रभावित हैं। उनकी मृत्यु के बाद भी, उनकी मृत्यु के बाद भी, उनकी यादें और संदेश जीवित हैं। उनके नाम पर अनेक संस्थाएं और संगठन हैं जो उनके समाज सुधार के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। उनकी जयंती पूरे देश में उत्साह से मनाई जाती है और उन्हें भारत के महापुरुषों में से एक माना जाता है।
बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन के बारे में लिखते समय, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक पूरे समाज के लिए लड़ रहे थे। उनकी जीवनी और उनके कार्य आज भी हमें उनकी सोच और विचारधारा से प्रेरित करते हैं और उनके संदेश जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में आज भी सुने जाते हैं।
बाबासाहेब आंबेडकर की जीवनी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को समाज सुधार के लिए प्रेरित करती है। उनकी सोच, उनकी आलोचनात्मक दृष्टि, और उनकी समाज सुधार की भावना हमें एक समर्पित और सक्रिय समाज के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करती ह
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Dr. Bheem Rao Ambedkar ji Ki Degree
डॉ. भीमराव अम्बेडकर बहुत शिक्षित थे और अपने जीवनकाल में कई डिग्री हासिल की थीं। उन्होंने 1912 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से अपनी बैचलर ऑफ़ आर्ट्स डिग्री हासिल की थी, उन्होंने 1915 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी मास्टर ऑफ़ आर्ट्स डिग्री हासिल की थी, और फिर उन्होंने 1923 में न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी से अपनी डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी डिग्री प्राप्त की थी।
यहाँ डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा हासिल की गई प्रमुख डिग्री की सूची है:
- बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (1912) – बॉम्बे विश्वविद्यालय, मुंबई
- मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (1915) – लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, लंदन
- बैचलर ऑफ़ लॉ (1916) – ग्रेटर लंदन यूनिवर्सिटी, लंदन
- डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस (1921) – लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, लंदन
- बैचलर ऑफ़ साइंस (1923) – बॉम्बे विश्वविद्यालय, मुंबई
- डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी (1923) – न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क
डॉ. अम्बेडकर ने अपनी शिक्षा के अलावा अनेक सर्टिफिकेट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भी प्राप्त की थीं,
जैसे:
- मुंबई विश्वविद्यालय से मानविकी शास्त्र में सर्टिफिकेट (1913)
- कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ़ साइंस डिग्री (1915)
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में फेलोशिप (1916)
- लंदन विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन इकोनॉमिक्स (1921)
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस (1923)
डॉ. अम्बेडकर ने अपने जीवन के दौरान कई अन्य संस्थानों से भी अपनी शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की थी। इनमें से कुछ संस्थानों के नाम हैं:
- जिला स्कूल, सतारा (1897-1902)
- एलएलएम विश्वविद्यालय, बेलगाम (1902-1904)
- उंबरगांव उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाराष्ट्र (1904-1907)
- कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क (1913-1916)
- लंदन विश्वविद्यालय (1916-1920)
- जापान के तोक्यो और क्योतो में अध्ययन (1920-1922)
- जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय (1922-1923)
इसके अलावा, डॉ. अम्बेडकर ने बहुत सारी अन्य जगहों से भी अपनी शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की थीं, जैसे लंदन के लॉ स्कूलों से शिक्षा प्राप्त की थी और वह भी अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान बहुत सी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर विभिन्न प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे।
डॉ. भीम राव अम्बेडकर के परिवार के सदस्यों के नाम
डॉ. भीम राव अम्बेडकर के परिवार के सदस्यों के नाम और उनके संबंध इस प्रकार हैं:
No. | Name | Relations |
---|---|---|
1 | रामजी माल्हार | पिता |
2 | भीमाबाई | माता |
3 | अनंत | भाई |
4 | तुलसीबाई | बहन |
5 | अंबेडकर (भीम राव अम्बेडकर) | वयं डॉ. भीम राव अम्बेडकर |
6 | मनमोहन | भाई |
7 | गंगाधर | भाई |
8 | रामचंद्र | भाई |
9 | जानकीबाई | Relationsबहन |
10 | सावित्रीबाई | बहन |
11 | यशवंतराव | भाई |
12 | महादेवराव | भाई |
13 | तुकाराम | भाई |
14 | जनार्दन | भाई |
15 | मधुसुदन | भाई |
16 | पंचशील | बेटी |
17 | उल्हास | बेटा |
18 | राजरत्न | बेटा |
19 | भीमसेन | पोता |
अंबेडकर जयंती पर शायरी (Dr. Bhim Rav Ambedkar Jayanti Par Shayari)
हमारे भीम का जन्मदिन है आज,
जिसने बदला देश का इतिहास,
उनके संघर्ष ने दिया हमें आज़ादी का सफ़र,
जय भीम! जय अंबेडकर!
सभी के लिए समान अधिकार का संघर्ष जारी है,
बुराई से लड़ते हुए नया भारत बनाने का संकल्प हमारी मांग है,
हम अंबेडकर की दिशा में अग्रसर हैं,
जय भीम! जय अंबेडकर!
दलितों की आवाज़ हमेशा बुलंद रहेगी,
जब तक हमारे संघर्ष जारी रहेंगे,
हम सभी एक साथ खड़े होकर गाएंगे,
जय भीम! जय अंबेडकर!
हम उनकी बातों से सीखते हैं ज़िन्दगी की सच्चाई,
उनकी सोच की दुनिया में मिलती है नयी राहें,
जब तक हम उनके विचारों को अपनाएंगे,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनकी जीवनी से हमें प्रेरणा मिलती है,
वे दलितों के लिए खड़े हुए थे जब सब बैठे थे,
हमें भी उनके जैसे समाज से आगे बढ़ना है,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनकी दी शिक्षा से हमें मानवता का पथ मिला,
उन्होंने हमें बताया कि सबका समान अधिकार होना चाहिए,
हम सभी उनके संदेश का गुरूर हैं,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनके विचारों से हमें संविधान मिला,
जिससे हमें मिला स्वतंत्रता का सफ़र,
उन्होंने हमें सिखाया कि दलितों का भी होता है सम्मान,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनकी दी आवाज़ हमेशा हमारे ज़बान पर होती है,
वे लड़े थे समाज के अन्याय से,
हमें भी उनके साथ समर्थ होना है,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उन्होंने जीवनभर समाज को सुधारने का काम किया,
उनके जैसे समाज सुधारक होना हमें सबक सिखाता है,
उनके बिना न होता हमारा जयंती का ये अवसर,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनकी आधारभूत बातें हमें याद रहती हैं,
उन्होंने समाज में जाति-व्यवस्था के ख़िलाफ लड़ाई लड़ी थी,
उनकी सोच हमें समाज के अधिकारों की जागरूकता देती है,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनकी शांति और एकता का संदेश हमें याद रहेगा,
उन्होंने समाज को एक साथ लाने के लिए काफी कुछ किया था,
उनके जीवन को देखकर हमें नया जोश मिलता है,
जय भीम! जय अंबेडकर!
उनके संदेश और उनका संघर्ष हमें सबक सिखाता है,
हमें भी उनके जैसे समाज के लिए लड़ना है,
उनके जीवन को समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है,
जय भीम! जय अंबेडकर!
Ambedkar Jayanti Status and Quotes
समाज का बना होना वह है, जिसमें सबका अधिकार हो।
बाबा साहेब अम्बेडकर के जन्मदिन पर उनके उद्देश्यों को याद रखें।
#AmbedkarJayanti
जाति, धर्म, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव करना गलत है।
बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन और विचारों से प्रेरित होकर इस बुराई से निपटना हमारी जिम्मेदारी है।
#JayBhim
स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माण में बाबा साहेब अम्बेडकर का अहम योगदान है।
आज हम उनके जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए उनके संविधान और विचारों को अपनाएंगे।
#AmbedkarJayanti2023
आजादी के बाद जो बदलाव हमारी समाज में हुए, उसमें बाबा साहेब अम्बेडकर का बड़ा योगदान है।
उनके संविधान और सोच ने हमें भारत में समानता का संदेश दिया।
#JayBhim
भारत के संविधान के मुख्य लेखक बाबा साहेब अम्बेडकर के जन्मदिन पर हम सबको
उनके योगदान को याद रखना चाहिए जो हमें समाज में भेदभाव को मिटाने का संदेश दिया।
#drAmbedkar
बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार हमें समाज में समानता की ओर ले जाते हैं।
उनके जन्मदिन पर हमें उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके संदेशों का पालन करना चाहिए।dr ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपने जीवन में समाज में भेदभाव और अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया।
उनके संघर्ष ने हमारे समाज में बदलाव लाया और आज हम समाज में समानता के लिए संघर्ष करते हुए उन्हें याद करते हैं।dr ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने न केवल समाज में समानता की लड़ाई लड़ी,
बल्कि उन्होंने अपने विचारों से आजाद भारत के संविधान को रूप दिया। उनके जन्मदिन पर हमें
उनके योगदान को समझना चाहिए और उन्हें याद करते हुए उनके संदेशों को आगे बढ़ाना चाहिए।dr ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी थीं।
उनके जन्मदिन पर हमें उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके संदेशों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी थीं।
उनके जन्मदिन पर हमें उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके संदेशों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपने जीवन में समाज में न्याय के लिए लड़ाई लड़ी और
भारतीय संविधान में समानता के लिए संघर्ष किया।
आज हम उन्हें याद करते हुए उनके संदेशों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने जीवनभर समाज में न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।
उनके संघर्ष से बदलाव लाया गया और आज हम समाज में
समानता के लिए लड़ाई लड़ते हुए उन्हें याद करते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज में समानता की लड़ाई लड़ी और अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों की ज़िम्मेदारी दी।
आज हम उनके जन्मदिन पर ये याद करते हुए उनकी महानता को सलाम करते हैं।
उनके संदेशों का पालन करते हुए हम समाज को समानता,
न्याय और भाईचारे की राह पर ले जाने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर को समाज का दीपक कहा जाता है। उन्होंने जिस तरह से भारतीय समाज में जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी,
उससे उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। आज हम उनके जन्मदिन पर ये याद करते हुए
उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को अधिक से अधिक उन्नति की ओर ले जाने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर की सोच और कार्यकर्तव्य से इस देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार हुआ है।
आज हम उनके जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को
उन्नति के लिए लगातार संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपने जीवन में न्याय, समानता और भाईचारे के लिए संघर्ष किया।
आज हम उनके जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को
उन्नति के लिए लगातार संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन और उनके संदेश हमें ये सिखाते हैं कि हमें समाज में अलगाववाद के खिलाफ लड़ना होगा।
आज हम उनके जन्मदिन पर ये याद करते हुए उनकी महानता को सलाम करते हैं
और उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को एकता और भाईचारे के साथ अग्रसर बनाने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपने जीवन में जो भी संघर्ष किया उससे समाज में समानता और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।
आज हम उनके जन्मदिन पर ये याद करते हुए उनकी महानता को सलाम करते हैं
और उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को अधिक से अधिक उन्नति के लिए लगातार संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन और संदेश से हमें सिखाया गया है कि समाज में समानता,
न्याय और भाईचारे की राह पर अग्रसर बनना होगा।
आज हम उनके जन्मदिन पर उनकी महानता को सलाम करते हैं और
उनके संदेशों का पालन करते हुए समाज को भाईचारे की राह पर ले जाने का संकल्प लेते हैं।br ambedkar
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बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती पर हमें उनके जीवन का संदेश याद दिलाता है कि हमें समाज में समानता और न्याय के लिए लड़ना होगा।
उन्होंने समाज में जातिवाद को मिट्टी में मिलाकर समानता की बाग़ उगाई थी।
आज हम सभी को यह सोचना चाहिए कि हम भी अपने जीवन में इसी लक्ष्य के लिए काम करें और
बाबा साहेब अम्बेडकर की महानता को सदा स्मरण रखें।br ambedkar
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“सभी मनुष्यों के सामने अवकाश हो, सभी मनुष्य आपस में भाईचारे के भाव से व्यवहार करें।”
br ambedkar
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“जो व्यक्ति सच की रक्षा करता है, सच उसकी रक्षा करता है।”
dr br ambedkar
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“भारतीय संविधान में भेदभाव की जड़ें उखाड़ फेंकना हमारा कर्तव्य है।”
dr br ambedkar
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“उच्च वर्ग का असली दुश्मन निम्न वर्ग नहीं, अपनी अंधेरी सोच है।”
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“समानता का लड़ाई करना ही हमारा संघर्ष है।”
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“जिस देश में भाईचारा होगा, उस देश का विकास होगा।”
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“जब तक शिक्षा सभी वर्गों में नहीं पहुंचेगी, तब तक हमारा समाज विकास की उन्नति नहीं कर पाएगा।”
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“मुझे तो देश की आवश्यकता है, न कि व्यक्तिगत लालच।”
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“मुक्ति और अन्याय से लड़ाई जीतनी चाहिए, न कि लोगों से।”
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“जो सत्य के लिए लड़ता है, वह समझदार हो जाता है।”
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“जहां अन्याय होता है, वहां स्वतंत्रता नहीं होती है।”
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“धर्म जीता नहीं, बल्कि समझदार लोग जीतते हैं।”
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“समाज का निर्माण समता और न्याय के आधार पर होता है।”
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“भ्रष्टाचार से लड़ना हमारा धर्म है।”
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“विवेक से विचार करना ही मनुष्य का धर्म है।”
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“शिक्षा एक ऐसी चीज है जो आपके साथ हमेशा रहती है, तथा आपके साथ होने वाली सभी समस्याओं का समाधान भी निकालती है।”
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“स्वतंत्रता वह होती है जब आप समानता की लड़ाई लड़ते हैं।”
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“मैं धर्म, जाति और लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति का विवेक नहीं करता हूँ, मैं उनके विचारों का मूल्यांकन करता हूँ।”
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“आपका अधिकार आपकी मजबूती पर निर्भर नहीं करता,
आपका अधिकार आपकी सही तथा गलत को पहचानने की ताकत पर निर्भर करता है।”dr br ambedkar
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“जीवन में आगे बढ़ने के लिए आपके पास दृढ़ संकल्प होना चाहिए।”
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“जो समाज दूसरों के आधार पर व्यवस्था करता है, वह स्वयं अस्थिर हो जाता है।”
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“अगर हम अपने हक़ के लिए लड़ते नहीं, तो हम हमेशा हक़ हासिल नहीं कर पाएंगे।”
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“मैं उन लोगों को देखता हूँ जो सफलता हासिल करते हैं, लेकिन सफलता उन्हें नहीं,
उनकी ताकत और उनके कौशल के कारण होती है।”dr br ambedkar
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“अपनी आवाज़ उठाओ, अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ो, समाज को सबक सिखाओ।”
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“समाज बदलता है जब हम अपने आपको बदलते हैं।”
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“सफलता उस व्यक्ति के पास होती है, जो किसी भी चीज़ के लिए नहीं,
बल्कि जिसके लिए वह चीज़ बनता है।”dr br ambedkar
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“विवेक का सबसे बड़ा दुश्मन होता है आपका घमंड।”
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“जब समाज उन लोगों को तुच्छ मानता है जो समाज के नियमों को तोड़ते हैं,
तब उन लोगों को समाज नहीं,
बल्कि समाज के नियमों को जीवंत बनाने की ज़रूरत होती है।”dr br ambedkar
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“वह समाज दूसरों के बल पर ही खड़ा रह सकता है,
जब तक उसमें शिक्षा का प्रभाव नहीं होता।”dr br ambedkar
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“जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, वे अन्याय का शिकार होते हैं।”
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“जाति और धर्म उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं जितना कि अँधेरे में चिराग।
लेकिन अँधेरे में चिराग ज्योतिर्मय होता है,
जबकि जाति और धर्म अज्ञान का कारण बनते हैं।”dr br ambedkar
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“शिक्षा ही मानव जाति की समस्याओं का समाधान है।”
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“बुद्धिमान लोग हमेशा सोचते रहते हैं। उनके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि ‘यह क्या है?’
जबकि मूर्ख लोग सोचते ही नहीं। वे बस अपनी मत्ति खुशी और दुःख में डूबते रहते हैं।”dr br ambedkar
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“शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है।”
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“जब तक आप स्वतंत्र नहीं होते, आप अपनी मुक्ति की कल्पना नहीं कर सकते।”
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“जो भी आपके द्वारा समझ में आता है,
उसे उसकी शक्ति बनाने के लिए प्रयोग करें।”dr br ambedkar
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“स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के बिना जीवन अधूरा है।”
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“मेरा धर्म और संस्कृति समाज के लिए है।”
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“आज अगर मैं स्वतंत्र हूँ, तो उसकी मुख्य वजह शिक्षा है।”
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“शिक्षित होना अपने आप में ही एक समाज के लिए एक बड़ा सम्मान है।”
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“समाज का आदर्श वह होता है जो विवेकी बुद्धि के साथ समस्त समाज की भलाई के लिए काम करता है।”
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“अधिकार दावेदारी के साथ आते हैं।”
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“शिक्षा आपको शक्ति नहीं देती, बल्कि आपको जानकार बनाती है।”
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“सबसे अच्छा धर्म वह होता है जो आपको स्वतंत्र बनाता है।”
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“जो लोग संघर्ष करते हैं, वे जीवन में कुछ न कुछ प्राप्त करते हैं।”
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“एक समानता की दुनिया बनाना एक महान कार्य है।”
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“समानता की राह में आगे बढ़ने का संकल्प लें।”
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“आपकी सोच आपके जीवन का निर्माण करती है।”
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“जब तक आप खुद में आत्मविश्वास नहीं रखते, आप कुछ नहीं कर सकते।”
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“समाज में व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा तभी होती है जब उसकी शिक्षा होती है।”
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“स्वतंत्रता नहीं है उसे पाने के लिए जो कर्म किए जाते हैं,
स्वतंत्रता होती है उन कर्मों के बदले जो अन्यों के लिए किए जाते हैं।”dr br ambedkar
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“जो लोग सत्य के लिए संघर्ष करते हैं, वे आखिरकार सत्य को ही जीतते हैं।”
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“सबसे अधिक शक्तिशाली व्यक्ति वह होता है
जो अपनी शिक्षा के बल पर अपनी ज़िम्मेदारी को समझता है।”dr br ambedkar
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“सफलता एक स्वभाव है, उसे पाने के लिए जो काम किए जाते हैं,
उन कामों के बदले उससे ज़्यादा अधिक काम करने की ज़रूरत होती है।”dr br ambedkar
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“अगर आप किसी के विरुद्ध हैं, तो उससे लड़ने के बजाय उसे शिक्षा दें।”
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“संघर्ष न करने से समस्याओं का समाधान नहीं होता।”
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“जो लोग स्वतंत्र होते हैं, वे समाज के लिए अधिक सक्रिय होते हैं।”
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“विवेकानंद जी के शब्दों के अनुसार, धैर्य और कर्म दोनों ही सफलता के लिए आवश्यक होते हैं।”
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“जब तक आप अपने जीवन में समानता का अभ्यास नहीं करते,
तब तक आप समाज में समानता नहीं ला सकते।”dr br ambedkar
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“सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम अपनी समस्याओं को अपने दिमाग में बड़ा बना देते हैं।”
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“अगर आप अपने सपनों के पीछे नहीं भागेंगे, तो आप उन्हें कभी पूरा नहीं कर पाएंगे।”
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“समानता सभी के अधिकारों की रक्षा करती है, जबकि भेदभाव उन्हीं अधिकारों को हानि पहुंचाता है।”
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“जीवन का मूल्य वह समझता है जो अपने साथियों की समस्याओं के समाधान में योगदान देता है।”
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“संघर्ष के बिना कोई भी बड़ा कार्य संभव नहीं होता।”
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“जब तक आप अपनी मानसिकता को सकारात्मक नहीं बनाते,
तब तक आप समस्याओं का समाधान नहीं कर पाएंगे।”dr br ambedkar
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“अगर आप दूसरों की सहायता करते हैं, तो आप खुद को भी मजबूत महसूस करेंगे।”
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“अगर आप दूसरों की सहायता करते हैं, तो आप खुद को भी मजबूत महसूस करेंगे।”
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डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य
Here are the top 10 interesting facts about Baba Saheb Bhim Rav Ambedkar
- बी.आर. अंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुनिष्ठ निर्माता थे, जो दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- उन्होंने विदेश में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करने का पहला भारतीय था, और उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय, अमेरिका से अपनी डॉक्टरेट प्राप्त की थी।
- वे भारत के संविधान के अलावा एक बड़े समाज सुधारक और मानवता के अधिकारों के लिए लड़ाई करने वाले समाजवादी भी थे।
- अम्बेडकर विवाह विवादों के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे थे और समाज में दलितों के लिए विवाह को समर्थन देते रहे थे।
- उन्होंने संबिता बाई के साथ विवाह किया था जो एक दलित थी और वे एक समान विवाह के लिए लड़ने के लिए जाने जाते हैं।
- अम्बेडकर ने एक लड़ाकू जीवन जीवन जीता जो उनकी माता-पिता के दलित होने के कारण उन्हें समाज में नीच दर्जे पर रखता था।
- अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था और बौद्ध धर्म के साथ उनका गहरा संबंध था।
- वे अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, पाली और प्राकृत जैसी कई भाषाओं में लिखते थे और वे समाज के अंदर समाज सुधार के लिए लड़ाई लड़ने के लिए नहीं थकते थे।
- अम्बेडकर ने दलितों के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी जिससे उनकी समस्याओं को समाज में उठाया जा सकता था।
- अम्बेडकर एक अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्ति थे जो संविधान, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में अपनी विशेष रुचि रखते थे।
Question Answer
Here are some questions and answers on Baba Saheb Dr. Bhim Rav Ambedkar
Dr. B.R. Ambedkar का जन्म कब हुआ था?
Dr. B.R. Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के Mhow शहर में हुआ था।
Dr. B.R. Ambedkar का सामाजिक और राजनीतिक जीवन कैसा रहा?
Dr. B.R. Ambedkar सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में बहुत सक्रिय रहे। उन्होंने समाज में वर्ग व्यवस्था, दलितों के अधिकार, महिलाओं के अधिकार और भारत के संविधान तैयार करने जैसे मुख्य मुद्दों पर काम किया।
Dr. B.R. Ambedkar ने किस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त की थी?
Dr. B.R. Ambedkar ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने Columbia University और London School of Economics से शिक्षा प्राप्त की थी।
Dr. B.R. Ambedkar ने कौन-कौन सी विद्यालयों की स्थापना की थी?
Dr. B.R. Ambedkar ने कई विद्यालयों की स्थापना की थी। उन्होंने सभी लोगों के लिए शिक्षा के अधिकार को समझने के लिए संघर्ष किया था और उन्होंने Bahishkrit Hitakarini Sabha, People’s Education Society और Samaj Samata उनकी स्वदेशी आंदोलनों के माध्यम से दलितों के समाज में समानता और दायित्व के मुद्दे को उठाने के लिए एक संस्था थी। इसके साथ ही वे अन्य वैदिक वर्णव्यवस्था के शिकारों के लिए लड़ने का संघर्ष भी करते थे। उन्होंने दलित समुदाय के विकास और समाज में समानता के लिए समूचे जीवन का काम किया था।
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